श्री सुसवानी माता जी मन्दिर कंवलियास { भीलवाडा } -
प्रतेयक ग्राम नगर का अपना महत्व होता हे ठीक इसी प्रकार से कंवलियास की भी अपनी विशेषता हे १ राजस्थान राज्य के भीलवाडा जिले के अंतर्गत कंवलियास ग्राम में भी कुछ ऐसी ही विशेषता लिए हे १ यहाँ कई बड़े बड़े संत सतियों के चातुर्मास हुए हे १ कुलदेवी श्री सुसवानी माता जी की कृपा से कंवलियास की श्री मति भंवरी देवी सुराना को निरंतर ७-८ वर्षो से पर्चे आते रहे हे और सभी दर्शनार्थी बही भाई बहिन अदि दुखी मन से यहाँ पहुच कर अपने आप को धन्य समजते हे १ इसमे ओसवाल समाज के अतिरिक्त अन्य जैन भाई बहिन आकर भी अपना कार्य सिद्ध करने हेतु मातेश्वरी से निवेदन करते हे १ कार्य सिद्ध होने पर प्रसंता का अनुभव करते हे और एंव सुसवानी माता की जय एवं शंकर भगवन की जय के नारों से मातेश्वरी का दरबार गुंजायमान रहता १
प्रत्येक रविवार को और उजली दसम को कंवलियास में माता जी का पर्चा आता हे और जात्री आते हे और अपनी परेशानियों का समाधान पाते हे
आरती का समय सुबह १० बजे से ११ बजे के बिच में और sham को ७ बजे से ७:३० बजे के बिच में होता हे १ नवरात्री में नवो दिन भक्तो का रेला लगा रहता हे और भारी भीड़ रहती हे
पता - कंवलियास ग्राम रास्ट्रीय राजमार्ग संख्या ७९ पर अजमेर और भिलवारा के मध्य स्थित हे यह भील्वारा से ४५ किलोमीटर दूर हे हे और अजमेर से ९१ किलोमीटर दूरी पर स्थित हे १ भील्वारा से बसे और कार हर आधे घंटे में उपलब्ध हे १
माताजी का जहा पर्चा आता हे वहा का पता contect if you want--
श्रीमान जवरी लाल जी सुराना
कंवलियास जिला bhilwara{ भील्वारा } राजस्थान 311030
01483-236767 - 9461766016 , 8440804119 ,9252066268
मुख्य मंदिर मोरखाना मार्ग - मोरखाना जाने के लिए नोखा जो की राजस्थान के बीकानेर जिले से ४५ किमी दुरी पर हे वहा जाना पड़ता हे उसके बाद नोखा से कोई साधन करके या अपने पर्सनल साधन से काकडा चौराहा होते हुए बेरासर गाव आता हे वहा से सीधे मोरखाना के लिए रास्ता जाता हे जहा पर खाने पिने और ठहरने के लीये सब सुविधाए हे
माताजी का जहा पर्चा आता हे वहा का पता contect if you want--
श्रीमान जवरी लाल जी सुराना
कंवलियास जिला bhilwara{ भील्वारा } राजस्थान 311030
01483-236767 - 9461766016 , 8440804119 ,9252066268
मुख्य मंदिर मोरखाना मार्ग - मोरखाना जाने के लिए नोखा जो की राजस्थान के बीकानेर जिले से ४५ किमी दुरी पर हे वहा जाना पड़ता हे उसके बाद नोखा से कोई साधन करके या अपने पर्सनल साधन से काकडा चौराहा होते हुए बेरासर गाव आता हे वहा से सीधे मोरखाना के लिए रास्ता जाता हे जहा पर खाने पिने और ठहरने के लीये सब सुविधाए हे
नोखा के पास देशनोक जहा पर करनी माता का मन्दिर हे जो बहुत ही दर्शनीय स्थान हे यह नोखा से मात्र ३० किमी हे यदि आप मोरखाना जाते हे तो देशनोक जरुर जाए १
मोरखाना कार्यालय के फ़ोन न हे - 01531-211400
सुराना , सांखला एवं दुग्गड़ की कुलदेवी श्री सुसवानी माताजी का अवतरण -जीवन
नागोर के सेठ सतिदास जी सुराना के यहाँ संवत १२१९ में असोज सुदी २ वर सोमवार के दिन माताजी संवय उनकी पुत्री के रूप में प्रकट हुई १ संवत १२२९ में दस वर्ष की आयु में उनका विवाह दुग्गड़ परिवार में करना तय हुवा susvani जी जब बाण बेठी तब वहा के मुसलमान सूबेदार ने रूप देखकर मुग्ध होकर संवय उनसे विवाह करने की थान ली १ सेठ सतिदास को बुलाकर उनके सामने अपना प्रस्ताव रखा १ सेठ जी इस बात को सुनकर बहुत दुखी हुए और कहा '' मुसलमान और हिंदू के बिच यह विवाह सम्बन्ध कैसे हो सकता हे ? '' किंतु सूबेदार अपनी जिद पर था १ सेठ सतिदास जी की रग रग में हिन्दुत्व का खून बह रहा था उन्होंने सूबेदार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया १ फिर क्या था ? सूबेदार ने तुंरत ही उन्हे जेल भिजवा दिया १
इधर जब उनके परिवार वालो को पता लगा तब सभी suswani जी को कोसने लगे तब वह मन ही मन अरिहंत भगवन को समरण करने लगी १ प्राथना करते वक्त उन्हें नींद आ गई १ स्वपन में उन्हें किसी तेजस्वी मूर्ति ने दर्शन दिए और कहा '' घबराने की कोई बात नही हे '' तू उस पापी सूबेदार को कहला दे की सात पावडे की छुट देकर पैदल या घोडे पर तेरा पीछा करे यदि तुजे पकड सका तो तू उससे शादी कर लेगी "" परन्तु वह ऐसा नही कर सकेगा १ जिसका प्रमाण यह हे की कल सुबह सभी सुराना परिवार के सदस्यों के मस्तक पर केसर के तिलक लगे मिलेंगे '' १
इतनी बात कर मूर्ति लोप हो गई १ सुस्वनी जी उठी उसने अपने स्वपन का सब हाल अपनी माताजी से कहा और उसके परिणाम स्वरूप सब के मस्तक पर केसर के तिलक देखे गए १ सब को कुछ धेर्य बंधा और तुरंत ही सूबेदार को संदेश कहला भेजा गया १ सूबेदार सुन कर बहुत प्रसन हुवा और तुंरत स्वीकारती दे दी १ दोनों तरफ उत्साह से तेयारिया होने लगी १ सेठ जी को मुक्त कर दिया गया १ बहुत जल्दी ही खूब सज धज कर कुछ सेनिको को साथ लिए सूबेदार सेठ जी के घर पर आ पंहुचा १
श्री सुस्वानी भी प्रतीक्षा में थी १ दोरने से पूर्व उन्होंने अपने घर के दरवाजे पर कुंकू भरे हाथ का छापा मारा जो वह पत्थर में ज्यो का त्यों अंकित हो गया १ सात पावडे की छुट लेकर सुस्वानी जी आगे आगे दोद्रने लगी और सूबेदार अपने सेनिको सहित घोडे पर उनका पीछा करने लगा १ दोरते दोरते दोनों बहुत दूर तक चले गए किंतु उनके बिच का फासला उतना ही बना रहा १ जब सुस्वानी जी दोरते हुए थक गई तब उन्होंने प्रार्थना की हे प्रभु ! मेरी रक्षा करो , में अब अधिक नही दोड़ सकती १ अधिशास्त्री देवी ने प्रार्थना सुनी तभी सामने से एक सिंह आता हुवा दिखाई पड़ा देवी जी ने आकाशवाणी में उन्हें सिंह पर सवार होकर आगे बढ़ने को कहा १ आज्ञानुसार सुस्वानी तुरंत सिंह पर सवार होकर हो गई और सिंह दोरने लगा १ चलते चलते वर्तमान बीकानेर के अर्न्तगत सिन्ध्हू मोरखाना गाव के नजदीक पहुच गई वहा भगवान शिवशंकर भोलेनाथ का बहुत ही पुराना मन्दिर था यहाँ पर भी सुस्वानी जी ने भोलेनाथ से प्रार्थना की , हे प्रभु ! मेरी रक्षा करो १ मुझे छिपने का स्थान दो १
भोले शिव ने संवय प्रकट होकर अपना चिमटा मन्दिर की और फेंका और कहा हे देवी तू सीधी चली जा जहा यह चिमटा गिरा हे व्ही तेरा स्थान हे १ भोले नाथ का फेंका हुवा चिमटा एक केर के पेड़ के बिच में पड़ा था १ सुस्वानी के वहा पहुचते ही प्रथ्वी और वृक्ष दोनों शब्द करते हुए फटे १ सुस्वानी जी सिंह के सहित उसमे समां गई और जमीन फ़िर से ज्यो की त्यों हो गई १ सुस्वानी जी के चिर का चार अंगुल पल्ला बाहर रह गया सूबेदार और उसके साथी उस पल्ले को लेकर ही लड़ने लगे क्यो की सभी उससे विवाह करना चाहते थे ,बात ही बात में तलवारे खीच गई और वे ही आपस में लड़कर समाप्त हो गए और जिनकी देवलिया आज भी मोरखाना में विद्यमान हे १ सुस्वानी जी का यह आश्रय वृक्ष १२२९ से लेकर आज तक भी उसी स्थान पर हरा भरा खड़ा हे 1
सुसवानी माता जी का अलोकिक परिचय -
संवत १२३२ की एक रात को सतिदास जी के छोटे भाई मलाह्दास जी को स्वप्न आया ,स्वप्न में देवी जी ने भूमि में प्रवेश होने वाले स्थान पर मन्दिर बनाकर मूर्ति सथापना करवाने की आज्ञा दी , मल्हा जी ने उस स्थान पर पानी की कमी व् धन का आभाव बताया १ उस स्थान पर माताजी ने उन्हें गोशाला में गडे हुए धन का भंडार बताते हुए कहा की देवालय बनाकर उसमे भगवन की उरती सथापना करो और साथ में अपना स्थान तथा गोशाला व् कुआ बनवाने को कहा १ धन का भंडार बताते हुए माताजी ने कहा की गोशाला के बिच एक मोरी हे जिसमे धन के भरे हुए १०८ कलश रखे हुए हे जिसमे से एक कलश में सादे तिन करोड़ के जवाहरात का डिब्बा हे इस धन का प्रयोग करके संसार में प्रतिस्ठा प्राप्त करो १
सुसवानी जी आज्ञा नुसार माला जी ने सवेरे उठते ही धन निकलवाया १ मूर्ति की सथापना के लिए मन्दिर आदि की नीव डालने से पहले एक कुआ खुदवाया इस कुए में बहुत ही मीठा पानी निकला १ मन्दिर भी तेयार हुआ इसमे मूर्ति सत्थापना हेतु फ़िर माताजी का ध्यान किया रात्रि को स्वप्न में प्रकट होकर माताजी ने कहा की देवल के अगवानी बाजु में तिस पवाडा पर ९ हाथ तले मूर्ति हे उसे निकलवाकर स्थापित करो १
माग सुदी पंचमी संवत १२३२ का मोहरत निकलवाया गया और उस दिन नागोर में देवल तथा गोशाला की नीव डाली गई १ जमीन तो नाहारो की थी लेकिन किंतु भवन निर्माण सुराना जी ने करवाया १
श्री सुसवानी माताजी की मानता पूजा चेत सुदी और असोज सुदी नवमी को होती हे १ असोज सुदी दसम को मोरखाना में मेला लगता हे १ नवरात्री के दिनों में मुसलमानों को घरो में नही आने दिया जाता हे १
मोरखाना में शिवजी का अति प्राचीन मन्दिर हे जहा शिवलिंग की पूजा बड़ी धूमधाम से होती हे यह वाही स्थान हे जहा श्री सुसवानी माता ने भोलेनाथ से अपनी रक्षा के लिए प्राथना की th १
संवत १२३२ से लेकर आज तक सुराना सांखला एवं दुगड़ जात देते हे और मुंडन उतारते हे एवं दर्शन हेतु मोरखाना जाते हे
Root Map OF Morkhana (bikaner )
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